**ना होगी मुलाकात** HINDI POEM * NAA HOGI MULAKAAT
है इतनी सी बात, फिर ना होगी मुलाकात
तेरे रास्ते नहीं मेरे रास्तों के साथ |
हैं तेरी अपनी ज़रूरते बड़ी,
हूं शायद नहीं में उनमे कहीं |
एक दोस्ती भी तो निभ न सकी,
और क्या उम्मीद थी मेरी इससे बड़ी ||
by Vinita

Kuch to ha aapke likhne me to in poems se hum ko pyr ho rha hai
ReplyDeleteshukriya
DeleteKYAA BAAT -E
ReplyDeletethank u
Deleteबहुत खूब लिखा है आपने। कम शब्दों में बहुत ही सटीकता के साथ बहुत बड़ी बात कह दी है।
ReplyDeleteसतीश।
thanx satish
DeleteWaah kya baat 👌👍🏼
ReplyDeletethnx
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