बिछड़ना हमें था | BICHADANA HAME THA | SAD POETRY ON LOVE
Short Poetry On बिछड़ना हमें था **************************** बिछड़ना हमें था *********************************************** सोचता हूँ तुमसे मुलाकात क्यों हुई क्यों हमारी इतनी बातें हुई तकलीफें ज़िन्दगी में कम न थी जो तेरी यादें भी उनमे शामिल हुई ! हर मुसीबतो से लड़ता रहा हूँ देर से ही सही पर जीतता रहा हूँ क्या पता था शिकस्त प्रेम में होगी जीत के भी हार जाऊ ऐसी किस्मत होगी ! उम्र भर तेरा दुःख मुझको को खलेगा हर कदम पे तेरा साया दिखेगा एक सवाल दिल हमेशा करेगा क्यों मिले थे हम जब बिछड़ना हमें था !