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Tuesday, October 19, 2021

मोहब्बत * Shayari


इश्क़ हम * तुझसे डरते है !

ये प्यार न हो * बस कहते है !

जीते जी * जो मार दे  ... !

मोहब्बत * उसी  को कहते है !!


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पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से # Nature'Love # गले लगा लू आज़ादी #श्रृंगार हुआ धरती का चमक रही बनके हरियाली #आज़ादी

इन ऊंचे पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से मिल रहे है गले अपने अपनों से  समायी है पेड़ो की जड़े पर्बतो में  इस तरह कुम्हार गूंधता है मिटटी को पानी...

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