ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई | Sad Poetry On Love | Love Quotes
ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई ***************************************** ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई जिसे चाहा उससे लकीरे न मिली राह देखते थे जिनकी देर रात तलक उन रातो की कभी सुबह नहीं हुई इंतज़ार से नवाज़ा गया इश्क़ को अपने क्या कहे फुर्सत जो थी हमें ताउम्र की आज भी है याद मुझे तेरी कही हर बात मैं हूँ वही पर एक उम्र निकल गयी