ख्याल |
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*** ख्याल ****
हर वक़्त और हर पहर
क्या शाम और क्या सहर
तेरा ख्याल है मुझे
रहूँ चाहे किसी शहर !
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
ख्याल |
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*** ख्याल ****
हर वक़्त और हर पहर
क्या शाम और क्या सहर
तेरा ख्याल है मुझे
रहूँ चाहे किसी शहर !
इन ऊंचे पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से मिल रहे है गले अपने अपनों से समायी है पेड़ो की जड़े पर्बतो में इस तरह कुम्हार गूंधता है मिटटी को पानी...