आदत | HABBIT OF LOVE | ROMANTIC POETRY | POETRY FOR VALENTINE | FRIENDSHIP DAY
Pls Listen Habbit - of love to experience more realistic poetry by single click on below Image . आंखों को तुझे देखने की आदत सी हो गयी ! हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये फरियाद हो गयी । अब जी न सकेंगे यार तेरे बैगर तू मेरे जीने की वजह जो हो गयी । ये कैसा प्यार हुआ मुझको मेरे यार ? के खुद को भूलने की बात आम हो गयी । तेरी ही फ़िक्र में बीते मेरे तो दिन और रात ! ज़िक्र तेरा ही हो चाहे रहूं किसी के साथ । तेरे होने से जो चेहरे पे मुस्कान है मेरे ! तेरी कही हर बात मेरे लिए ख़ास हो गयी। बिगड़ गयी आदते मेरी साथ रह के तेरे ! आदतों को मेरी तेरी आदत जो पड़ गयी । । हो जैसे फूलो संग खुशबू और सावन संग बरसात , वैसे ही मैं भी तेरे संग रह गयी । । Aadat - Of Love