Wednesday, July 14, 2021

दिल्लगी * हिंदी कविता - DILLAGI POEM

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सारा कसूर एक नज़र का है,
मेरा दिल तेरी ही डगर का है। 
❤❤

आदत है तुझको देखने की मुझे,
माज़रा ये सारा दिल्लगी का है। 
💙💙

दोष ये मेरा अकेले का नहीं, 
हाल ये हर एक रांझे का है।। 

💜💜     ******************

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