क्यों अब न तेरा इंतज़ार रहे ! # Sad Hindi Poetry On Love & Reality # कुछ इस तरह के ख्याल है ...
कुछ इस तरह के ख्याल है ... ******************************** कुछ इस तरह के ख्याल है के सवाल ही जवाब है तेरे आने की ख़ुशी अब याद नहीं तेरे जाने के गम बेहिसाब है दुनिया जो तुने दिखाई है बस ज़हन में वही समाई है बाकी सब फ़िज़ूल लगे क्यों खुली आँखों में भी सपना दिखे ? गर खयालो में भी तुझे पाया है तो आस्मां से आगे कदम बढ़ाया है सच मानु तो सब बेमाना लगे क्यों फिर पैरो के तले न ज़मीन रहे ? सबके चेहरों पे मासूम मुखौटे दिखे गिले शिकवे किसी से रह न गए क्या तेरे जाने से हम बदल गए ? क्यों अब न तेरा इंतज़ार रहे !