बेटा |
********************************** बेटा, मान गए तेरा अंदाज़ हर बात पे है तुझको ऐतराज़ किसी की बात को तू ना माने बस अपना गुड़गान कराये समझाते तुझको बरसो बीतेपर तेरी आदत कभी ना सुधरे हर दिन एक नया बहाना है बस किताबों से जी चुराना है सारा दिन खेल और मस्ती हैवो भी तुझको कम लगती है दिन बीते पूरा दोस्तों के संग घर में लगता कभी न मन जवाबो में भी सवाल है तेरेक्यों , कब , कैसे , क्या है ये तो तकिए कलाम है तेरे सब कहते है तू बड़ा हुआ जैसे ख़जूर का पेड़ हुआ अब तो हो जा तू जिम्मेदार हर माँ की बेटे से यही पुकार लेकिन सच बोलू मैं एक बात तेरी बादमाशियूं पे आता है मुझको प्यार । |
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Pls enjoy the short clip on Mother & Son Conversation
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