Posts

Showing posts with the label नशा परहेज | AVOID INTOXICATION | POETRY ON TEACHINGS & REGRET OF AN ADDICT PERSON TAKING ALCOHOL | POETRY ON BAD HABBITS LIKE ALCOHAL AND OTHER DRUGS

नशा परहेज | AVOID INTOXICATION | POETRY ON TEACHINGS & REGRET OF AN ADDICT PERSON TAKING ALCOHOL | POETRY ON BAD HABBITS LIKE ALCOHAL AND OTHER DRUGS

Image
NASHA PARHEJ भटक गया मैं  अपनी  राह से ख़ुशी और गम  मे ! आ गया बातों  मे  दोस्तो  पिछड़ गया अपने लक्ष्य से  ।  खो गया सिगग्रेट के धुएँ और ताश के पत्तो मे  ! डुबो दिया खुद को मैंने  शराब  की   लत मे ।  रहना था नशे से  दूर  इसके ही करीब हो गया ! चौपट कर भविष्य अपना एक नसेड़ी बन  गया  ।  धूम्रपान की आदत ऐसी लगी मुझे  फिर न किसी की बात सही लगी मुझे  ! घर परिवार से दूर लड़खड़ाता मैं रहा  अनजान सड़कों पे न जाने कब सो गया।  कहाँ  गिरा पता नहीं  जो चोट लगी उसका अंदाज़ा नहीं  ! हर दिन एक नया झूठ बोल के  में  अपनी नज़र से ही गिर  गया  ।  गलती अपनी न सुधार  सकूँ ना किसी का आदर्श बन  सकूँ   ! नशे से हो गया साथ मेरा ! जो उतरने से पहले ही चढ़ गया  । घर ग्रहस्ती सब ख़तम हुई  इज़त मेरी बेइज़्ज़ज़त हुई ! पत्नी बच्चे  है  सब दुखी  अपनी ज़िन्दगी मैंने खुद बर्बाद की   । हूँ आगे बहुत निकल चुका ! नशे म...