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ज़िन्दगी |
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ज़िन्दगी सफर में खुद से ,
रूबरू कराती रही मुझे
है सफर ही ज़िन्दगी ,
बस बताती रही मुझे
जो मिल गया मुझे
वो भी मेरा नहीं
बस इसी बात का एहसास
कराती रही मुझे !
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
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ज़िन्दगी |
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ज़िन्दगी सफर में खुद से ,
रूबरू कराती रही मुझे
है सफर ही ज़िन्दगी ,
बस बताती रही मुझे
जो मिल गया मुझे
वो भी मेरा नहीं
बस इसी बात का एहसास
कराती रही मुझे !
इन ऊंचे पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से मिल रहे है गले अपने अपनों से समायी है पेड़ो की जड़े पर्बतो में इस तरह कुम्हार गूंधता है मिटटी को पानी...