कुछ ऐसे ही |
किसी से इश्क़ होना गुनाह नहीं है
हर कसूर की सजा मिले ज़रूरी नहीं है ,
यह चाहत ही कुछ ऐसी है जनाब !
जिससे हो जाये उससे शिकायत नहीं है।
हर बात सबसे कहे मुनासिफ नहीं है
बस हाले दिल बयान करे तो ही सही है ,
ये आदत ही कुछ ऐसी है जनाब !
मिले जिससे दिल बस विश्वास वही है ।
हर राह पे हो फूल मुमकिन तो नहीं है
ठोकरो के बिना जीत मिले तो वो जीत नहीं है ,
ये जिंदगी ही कुछ ऐसी है जनाब !
कांटे हो जहाँ मिलता फूल वही है ।।