कुछ ऐसे ही | KUCH AISE HI | HINDI POETRY ON STRUGGLE IN LOVE LIFE
कुछ ऐसे ही किसी से इश्क़ होना गुनाह नहीं है हर कसूर की सजा मिले ज़रूरी नहीं है , यह चाहत ही कुछ ऐसी है जनाब ! जिससे हो जाये उससे शिकायत नहीं है। हर बात सबसे कहे मुनासिफ नहीं है बस हाले दिल बयान करे तो ही सही है , ये आदत ही कुछ ऐसी है जनाब ! मिले जिससे दिल बस विश्वास वही है । हर राह पे हो फूल मुमकिन तो नहीं है ठोकरो के बिना जीत मिले तो वो जीत नहीं है , ये जिंदगी ही कुछ ऐसी है जनाब ! कांटे हो जहाँ मिलता फूल वही है । ।