साथी तुम्हारा * हिंदी कविता * HINDI POEM SATHI TUMAHARA *
Pls Listen SATHII TUMAHARA to experience more realistic poetry by single click on below Image . साथी तुम्हारा कह दिया है मान लो मेरा कहा भी जान लो साथी तुम्हारा मैं ही हूँ ! अधिकार अपना भी जता दो है दोस्ती मुझे अजीज बड़ी साथ अपना किसी से कम नहीं छोड़ के जायेंगे न कभी दोस्ती है कोई मज़ाक नहीं जान हाज़िर है हर खाविश पे तेरी रिश्ता दोनों का है अकेला का नहीं तू संकोच न कर कहने में कभी दोस्त हूं तेरा कोई अजनबी नहीं