खोखले रिश्ते | Hindi poetry on Divorce | Separation | Breaking Relations of love | Ego & Misunderstandings | Incompatible Relations
खोखले रिश्ते ********************************* तेरा अधिकार ही बहुत था मुझको रोकने के लिए अफ़सोस तुमने कभी आवाज़ न दी । दो प्यार के बोल ही काफी थे टूटे रिश्तों को जोड़ने के लिए तकलीफ के तुमने कभी कोशिश न की। दूर इतना भी न थे के पुकारा न गया फासले तो चंद कदमो के थे अफ़सोस तुमसे आया न गया खुद से ज़ादा विश्वास था जिनपे हमें समय ने वो धारणा बदल दी। मंजूर तो न था हमें किस्मत का फैसला दुःख तो है अपनों ने नज़ारे ही फेर ली हाँ, शिकायत रही हमें खुद से भी के खोखले रिश्तों की यादें कभी दिल से न गयी