कहता है दिल | Hindi Poetry on Love , Acceptations & Waiting Period In Love
Kehta Hai Dil आना है लौट के तुझे कहता है मेरा दिल ऐसी कोई राह नहीं जिसकी नहीं मंज़िल रहना है तेरे साथ ही कहता है मेरा दिल ऐसी धरती नहीं कहीं जिसका आस्मां नहीं प्यार है तुझसे ही कहता है है मेरा दिल ऐसा कोई हृदय नहीं जिसमे बसता कोई नहीं है उमीदे तुझसे ही कहता है मेरा दिल ऐसी कोई रात नहीं जिसकी होती सुबह नहीं इंतज़ार है तुझको भी कहता है मेरा दिल ऐसा कोई शख्स नहीं जिसको मोहब्बत नहीं । ।