Showing posts with label ज़ज़्बात - हिंदी कविता * JASBAAT - HINDI KAVITA Poetry on Love. Show all posts
Showing posts with label ज़ज़्बात - हिंदी कविता * JASBAAT - HINDI KAVITA Poetry on Love. Show all posts

Saturday, August 28, 2021

ज़ज़्बात - हिंदी कविता * JASBAAT - HINDI KAVITA ON FEELINGS OR ACCEPTATIONS |कभी बिन कारण भी मिलो हमसे

             
                 

                





ज़ज़्बात

**************

कभी बिन कारण भी मिलो हमसे !

जब कुछ कहना न हो, कोई बात न हो

तब भी ..बातें होंगी तुमसे ,

जब हमारे पास - कोई बात न हो। 


 साथ तेरे - रहना ही काफी है 

 अगर तेरा - कोई बहाना न हो। 

हम बिन - बोले भी रह लेंगे ,

बस तू - ज़ज़्बात समझने वाला हो। 


कुछ दिन, कुछ पल और कितने साल..

बिन तेरे - कैसे दिन बिते यार !

है कुछ भी ..मुझको नहीं याद !

बस तू याद.. दिलाने वाला हो। 


क्या है ? कौन है ? और कैसा है ?

क्या इन सवालों का जवाब है ?

तू आके ..कह दे एक बार ,

के तू * साथ निभाने वाला है।। 

       By Vinita 

Favourites

पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से # Nature'Love # गले लग जाऊ दरख्तों से #श्रृंगार हुआ है धरती का चमक रही बनके हरियाली

इन ऊंचे पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से मिल रहे है गले अपने अपनों से  समायी है पेड़ो की जड़े पर्बतो में  इस तरह कुम्हार गूंधता है मिटटी को पानी...

Popular