WAJAH |
आंखों को तुझे देखने की
आदत सी हो गयी
हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये
फरियाद हो गयी ,
अब जी न सकेंगे यार
हम तेरे बैगर
तू मेरे जीने की
वजह जो हो गयी ।
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Life इम्तिहान है ये कैसा एहसास है के दर्द भी अब रास है बोझल है आँखें थकान से न जाने किसकी आस है कह रही है झुकते उठते खुद से ही ऐतराज़ ह...