PAHELI | HINDI POETRY ON A GIRL | LIFE | WAITING PERIOD | SILENCE | LOVE
चुप है और चंचल भी , लगती हंसमुख कुछ अपनी सी एक अनकही कहानी है , ये लड़की जानी पहचानी है । है एक पहेली सी ! रहती है शरमायी सी अपने को खुद में समेटे हुए दिखती है हर शाम मुझे । एक नया रंग लिए हुए । । आवाज़ है सुनी हुई एक झंकार ली हुई , आँखें भी है ठहरी हुई , कुछ मुझसे कहती हुई । सोचता हूँ पूछ लू ! क्यों इतनी ख़ामोशी है , है किसी का इंतज़ार ! या फिर यही ज़िन्दगी है ।।