बीते कल में |
ये कैसी समय की चाल है
जो था साथ कभी
आज एक ख्याल है ।
बिताये जिसके साथ
रात और दिन
वो आज एक एहसास है ।
वो घंटो का इंतज़ार
वो लड़ने वाला प्यार
बस एक फ़रियाद है ।
मिलोगे कभी तो पूछेंगे तुमसे
क्या हमारी तरह तुम भी
जीते हो बीते कल में ।।
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बीते कल में |
ये कैसी समय की चाल है
जो था साथ कभी
आज एक ख्याल है ।
बिताये जिसके साथ
रात और दिन
वो आज एक एहसास है ।
वो घंटो का इंतज़ार
वो लड़ने वाला प्यार
बस एक फ़रियाद है ।
मिलोगे कभी तो पूछेंगे तुमसे
क्या हमारी तरह तुम भी
जीते हो बीते कल में ।।
इन ऊंचे पर्बतो की दोस्ती है दरख्तों से मिल रहे है गले अपने अपनों से समायी है पेड़ो की जड़े पर्बतो में इस तरह कुम्हार गूंधता है मिटटी को पानी...
💜.....
ReplyDelete👌✍️
ReplyDeleteदुआ यही है कि फिर कभी न मिले।
ReplyDelete𝑺𝒖𝒑𝒂𝒓 ❤️❤️ 𝒅𝒊𝒅𝒊
ReplyDeletePls write on breakup
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