अरमानो की डोर | ARMANOO KI DOR | Poetry On New Relation, Trust & Love | Friendship & Commitment
अरमानो की डोर ****************************** फिर देखा एक सपना है शायद कोई अपना है बुला रहा है पास मुझे एक नयी शुरुवात की आस लिए आँखों में उमंगें जिसकी है देख के मुझको पूरी होती है है जिसके दिल में प्यार बहुत ऐसी सूरत उसकी लगती है कौन है जो चाह रहा फिर मन उपवन खिला रहा बेरंग फूलो में डाल के रंग मेरी जीवन बगिया महका रहा। मैं भी चलदी हूँ उसकी ओर ले के अरमानो की डोर कदम से कदम है मिला लिए और फासले कम हो गए ।