शुक्रिया हर कदम पे तेरा
उम्र भर साथ मेरा दे दिया
क्या कहु तुझको सब पता है
बिना इशारे के तेरे न पत्ता हिला है
तेरी लेखनी पे सदा चिंतित रहा मैं
कृपा से जैसे तेरी वंचित रहा मैँ
अंधेरो में भी तूने उजाले दिखाए
बीते वक़्त मेरे सामने सबक बनके आए
याद करू जिसको वो किस्से बन गए
तेरे रूप में मुझे फ़रिश्ते मिल गए
साथ मेरा भगवन तूने हमेशा दिया है
पुकारू जिसे मैँ वो आसरा बन गया है
दिन की शुरुवात है नाम से तुम्हारे
मन में बस्ते हो श्री कृष्ण प्यारे
गुमराह हुए जब जब राह तुमने दिखाई
तेरे कारन जीने की वजह मिल पायी
है माटी की काया किराये का जीवन
एक नाम तेरा सच्चा बाकि भरम है
इसीलिए हम प्रभु तेरी शरण है

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