कुंती पुत्र दानवीर कर्ण महान , मित्रता की पहचान कर्ण, सूर्य पुत्र कर्ण, Karn
मित्रता की पहचान
एक दोस्त का अभिमान
और कोई नहीं है कुंती पुत्र
दानवीर कर्ण महान
ऋषि दुर्वाशा के वरदान से
जिज्ञासु कुंती माँ ने
एक दोस्त का अभिमान
और कोई नहीं है कुंती पुत्र
दानवीर कर्ण महान
ऋषि दुर्वाशा के वरदान से
जिज्ञासु कुंती माँ ने
सूर्य का आवाहन किया
लोक लाज के भय से
नवजात को जल में प्रभावित किया
पाला जिसको अधिरथ और राधे मां ने
और राधे पुत्र नाम मिला
जन्म से ही कानो में सोने के कुण्डल
और सोने का कवच मिला
अतुलनीय बल और तिव्र बुद्धि
शास्त्रो में निपुण, रणनीति विचार
राजसी कुल के जन्मे
फिर भी सूत पुत्र पहचान
सूर्य पुत्र होके भी
नवजात को जल में प्रभावित किया
पाला जिसको अधिरथ और राधे मां ने
और राधे पुत्र नाम मिला
जन्म से ही कानो में सोने के कुण्डल
और सोने का कवच मिला
अतुलनीय बल और तिव्र बुद्धि
शास्त्रो में निपुण, रणनीति विचार
राजसी कुल के जन्मे
फिर भी सूत पुत्र पहचान
सूर्य पुत्र होके भी
ना मिला पिता का का नाम
मित्र प्रेम और दान
मित्र प्रेम और दान
जिसकी रग रग में विदमान
नहीं लौटा कभी
नहीं लौटा कभी
उसके दरसे कोई खली हाथ
जीवन भर जो प्रेम को तरसा
असली पहचान पाने को तड़पा
लिया ज्ञान गुरु द्रोणाचार्य से
फिर भी पक्षपात को होते देखा
बाना अंग राज्य का राजा
जीवन भर जो प्रेम को तरसा
असली पहचान पाने को तड़पा
लिया ज्ञान गुरु द्रोणाचार्य से
फिर भी पक्षपात को होते देखा
बाना अंग राज्य का राजा
प्रजा को खुश रखनेवाला
जो बोले वो कारनेवाला
जो बोले वो कारनेवाला
अर्जुन से प्रतिस्पर्धा करने वाला
दुर्योधन का अति प्रिये
कौरवों की सेना का सेनापति
अर्जुन के हाथों वीरगति
परशुराम का ब्रम्हास्त्र
श्राप से हुआ विफल
मित्रता की मिसाल कर्ण
दोस्त की पहचान कर्ण
ना हुआ ना कभी होगा
दानवीर कर्ण जैसा कोई ।।

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