Friday, December 10, 2021

वजह | WAJAH | Reason Of Living | Short Love poetry

WAJAH

     आंखों को तुझे देखने की          

     आदत सी हो गयी

     हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये

     फरियाद हो गयी    ,

     अब जी न सकेंगे यार 

     हम  तेरे बैगर

    तू मेरे जीने की

    वजह जो हो गयी  ।                                              

                                                      




 

13 comments:

  1. आप कि कविता का जितना वर्णन किया जाए कम है

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  2. 𝐺𝑗𝑏 𝑑𝑖𝑑𝑖 𝑠𝑢𝑝𝑎𝑟

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  3. इतनी ज्यादा निर्भरता ठीक नही वैसे...😊

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