Thursday, November 11, 2021

सुबह की चाय | Morning Tea | Short Poetry

 सुबह की चाय

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ये उगती सी धूप

महके से गुलाब

धीरे से कहना ,

कैसे है आप ?

बस यही है मेरे लिए 

सुबह की चाय , जनाब !!



8 comments:

  1. वास्तविक रूप में है

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  2. सच में रात ढलती है सुबह होती है लेकिन कुछ लोगों का इसके बिना सबेरा नही होता।

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  3. Badiya chaay hai...Mazza a gaya subah ki chaay mein..🙂🙂🙂🙂🙂

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