Tuesday, July 08, 2025

जहाँ कोई नहीं वहां तू है प्रभु # ShivBhakti # Shiv Shakti












जहाँ कोई नहीं वहां तू है प्रभु

हम सब में है जो जल रही

वो तेरी ही तो लौ है प्रभु


क्या बोलू कुछ कह न सकु

तुम तो शब्दों की श्रृंखला हो प्रभु 

उठते बैठते सोते  जागते

लब पे रहता तेरा नाम प्रभु


तेरा कोई स्वरुप नहीं 

फिर भी ख्याल आ जाता है

बंद करू जो आँखें अपनी

दर्शन तेरा हो जाता है


मेरे अंदर भीतर बाहर

गूंजता है तेरा नाम प्रभु

रहु कहीं मैं भगवन , लेकिन

तू रहता है मेरे साथ प्रभु ।। 




2 comments:

Favourites

अम्बिया (आम का पेड़) दो जीवन किसी को बनो कारण ख़ुशी का लगाओ पेड़ ऐसा जो बने सहारा सभी का

फिर आई अमुआ के पेड़ पर बौर   खटास अम्बिया की  महक रही सड़क की ओर  फैला हुआ है सरपत जैसे  बना है खग  विहग का डेरा  मिलती है राहगीरों को छाँव ...

Popular