जानके तूने सब खेल रचाया
साथ रहके मेरे मुझे दर दर भटकाया
दिया ज्ञान तूने था अज्ञानी मैं तो
ली ऐसी परीक्षा के जीना सिखाया
रहा ऊँगली थामे तू मेरी हमेशा
मैं अभागा ऐसा जो समझ न पाया
तेरे दिए सुख है तेरे दिए दुःख है
है काया भी तेरी मैं क्यू अभिमाया
न जानू कुछ मैं सब तुझको पता है
तेरे फैसलों में प्रभु मेरा भला है
मेरे लिए भगवन दुःख में है सुख ढूंढा
की ऐसी कृपा के दर्द भी मुझको भूला
तेरा किया हरदम प्रभु होता सही है
तू साथ रहता है मेरे मेरे पर दिखता नहीं है
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