मिज़ाजे यार क्या कहिये | Hindi Poetry On Love
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मिज़ाजे यार क्या कहिये
सुबह या शाम क्या कहिये
पहलु में तेरे बैठे है
किस्मतें यार क्या कहिये
तबीयतऐ हाल क्या कहिये
रंग है गुलाल क्या कहिये
चेहरे पे चाँद क्या कहिये
ये इश्क़ खुमारी क्या कहिये
इस मर्ज़ की दवा तो क्या कहिये
ज़िन्दगी सुकून से बीते तो क्या कहिये
हो दिल में आसरा तो क्या कहिये
रब दे ऐसी किस्मत तो क्या कहिये ।

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