कसम है मेरी | KASAM | HINDI POETRY ON LOVE | LIKING SOMEONE | IN LOVE | FEELINGS FOR LOVE
कसम है मेरी तेरी नज़र ऐसा असर कर गयी देखते ही दिल में घर कर गयी सुध अपनी मुझे अब कुछ न रही जबसे ख्यालो में मेरे तू बस गयी । उमीदे तुझसे अब जुड़ने लगी फिर से जीने की मन में उमंगें बढ़ी जो कही न किसी से वो बातें कहीं जबसे जीने की तेरे संग कस्मे हुई। अब तो दिन में सपने सजोने लगे जबसे नाम तेरा हम जपने लगे क्यू न कोई मुझे अब तुझसा लगे तेरा चेहरा न जाने क्या जादू करे। रात और दिन आंखों में कटने लगे क्यू तुझसे मिलने की बेचैनी रहे यार ! अब और दूरी न सही जा रही पास आजा के तुझको कसम है मेरी !!