कागज़ी इज़हार | KAGAZI IZHAAR | Expression Of love | Describing Love | Accepting Love | Beautiful Love Poem
| Kagazi Izhaar |
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ये कलम जो मेरे हाथ है
प्यारा इसी का साथ है
इससे इश्क़ मुझे हो गया ,
नाम जो तेरा इसने लिख दिया !
बस ज़िक्र तेरा शुरू हो गया
और ये कागज़ समझो भर गया
न कुछ था ख्याल में मेरे
अब क्या - क्या लिखू सवाल है मेरे !
आके बता दे तू मुझे
लिखू तेरे प्यारे सुनहरे पल
या लिखू तेरे जीने के अरमान पूरे
कहाँ से शुरू करू कहाँ पे ख़तम
थक जाएँगी कलम मेरी लिख के तेरे रंग !
बस इतना ही लिखती हूँ
तेरा आना जैसे मुकम्मल दुआं
और जाना तेरा
ले जाएगी मेरी जान पिया !
बहुत बढ़िया👌👌👌
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