घर में आज अकेली थी
कविता ही लिखने बैठी थी
देख लिया जब इसको मैंने
ये खिड़की में दुप्की थी
न जाने कितना संयम है
घंटो तक ना हिलती है
एकटक है देख रही
एकाग्रता इसकी गहरी है
तय माँ लक्ष्मी का घर पे आना
अगर लक्ष्मी पूजन के दिन
छुछुंदर या छिपकली का
घर में दिख जाना है
शुभ है इनका दीवाली के दिन आना
माँ लक्ष्मी की कृपा को पाना
माना घर अंगना है सबका
पर पालतू पशु , पक्षी और जीव जंतु
इनका भी यही ठिकाना है
करते ये भी देखभाल
इनका भी घर में आना जाना है
ईश्वर का आश्रय है अगर तुम्हे
तो इनको भी आश्रय दो
सृष्टि की हरेक रचना का
आभार व्यक्त किया करो
एक कौर चावल चिड़िया को
एक रोटी सड़क की गइया को
कभी पानी किसी प्यासे को
मीठे बोल ठेलेवालों को
दिल अपना यारो बड़ा करो
खुश रहो और सबको खुश रहने दो !!
sach me bhot sunder kavita hai ise ,, mujhe chipkali se Dr lgta hai pr ab sayd thoda km lge,,, qki vo ishwar ki rachana hai🥰
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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