Sunday, December 15, 2024

जी ली है ज़िन्दगी


एक बोझ दिल पे लिए 

जी ली है ज़िन्दगी

मिलेंगे फिर कभी ये सोचके 

जी ली है ज़िन्दगी


अलविदा कहके कभी 

देखा नहीं मुड़के

सलाम को सलामती समझ

जी ली है ज़िन्दगी


आखिरी दीदार ए सूरत

याद है मुझको 

जो सोचा नहीं कभी 

वो हक़ीक़त देख ली हमने 


मिला न फुर्सते सुकून कभी 

जो हाले दिल कहते

बस आज कल के इंतज़ार में 

जी ली है ज़िन्दगी


मिलाया तुमसे खुदाया 

है रहमते उसकी 

हाँ नाज़ करते तुमपे 

जी ली है ज़िन्दगी

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