किसी रोज़ तुमसे कहेंगे
तेरी पलकों की छाए रहेंगे
सबकी नज़रों से खुद को छुपाके
तेरी बाहों में मेह्फूस रहेंगे
किसी रोज़ तुमसे कहेंगे
तेरी दुनिया में आके बसेंगे
फुर्सत से देखेंगे चेहरे को तेरे
निहारेंगे तुमको नैना ये मेरे
किसी रोज़ तुमसे कहेंगे
जीना का तेरे सहारा बनेंगे
जहाँ पूरे होंगे दोनों के सपने
ऐसा किसी गुलिस्तां में रहेंगे