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| यादें - Memories | 
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बेचैन मन ये हो गया
सोचता तुझको रह गया
थम गयी है साँसे फिरसे
मच गया है शोर मुझमे
याद वो मंज़र आ गया
ये चेहरा फिर मुरझा गया
तेरे जाने का गम इतना नहीं
जितना तेरी यादों ने रुला दिया
तू ही ज़हन में समां गया,
दूर जाके मेरे और करीब आ गया
    अब क्या बताऊ 
    मैंने तुझको खुद ही में पा लिया !
 
 
 
 
 
 
 
 
Kya Khyal hai👌👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर,,,,,,
ReplyDeleteyour poem is very beautiful throat
ReplyDeleteDil ki baat shabdo ne kaha kya baat kya baat
ReplyDeleteमैंने खुद को तुझी में पा लिया।।
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