ज़ज़्बात - हिंदी कविता * JASBAAT - HINDI KAVITA ON FEELINGS OR ACCEPTATIONS |कभी बिन कारण भी मिलो हमसे

             
                 

                





ज़ज़्बात

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कभी बिन कारण भी मिलो हमसे !

जब कुछ कहना न हो, कोई बात न हो

तब भी ..बातें होंगी तुमसे ,

जब हमारे पास - कोई बात न हो। 


 साथ तेरे - रहना ही काफी है 

 अगर तेरा - कोई बहाना न हो। 

हम बिन - बोले भी रह लेंगे ,

बस तू - ज़ज़्बात समझने वाला हो। 


कुछ दिन, कुछ पल और कितने साल..

बिन तेरे - कैसे दिन बिते यार !

है कुछ भी ..मुझको नहीं याद !

बस तू याद.. दिलाने वाला हो। 


क्या है ? कौन है ? और कैसा है ?

क्या इन सवालों का जवाब है ?

तू आके ..कह दे एक बार ,

के तू * साथ निभाने वाला है।। 

       By Vinita 

Comments

  1. Kya khub wah wah bahot sundr kvita hai.....🌹🌹k

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  2. हर बार मुलाक़ात के बाद होती है गुफ्तगू और फिर कुछ दिनों बाद मिलने की होती है आरजू।

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  3. Bahut hi khubsurat andaaz-e-bayaan💕

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