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साथी तुम्हारा 
 
कह दिया है मान लो 
मेरा कहा भी जान लो
साथी तुम्हारा मैं ही हूँ !
अधिकार अपना भी जता दो 
 है दोस्ती मुझे अजीज बड़ी
साथ अपना किसी से कम नहीं 
छोड़ के जायेंगे न कभी 
दोस्ती है कोई मज़ाक  नहीं 
जान हाज़िर है हर खाविश पे तेरी 
रिश्ता दोनों का है अकेला का नहीं 
तू संकोच न कर कहने में कभी 
दोस्त हूं तेरा कोई अजनबी नहीं 

 
 
 
 
 
 
 
 
Waah Waah
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteकह दिया है.. मान लो ,
ReplyDeleteमेरा कहा भी..जान लो
साथी तुम्हारा मैं ही हूँ !
अधिकार अपना भी जता दो | वाह वाह कितनी सुंदर रचना
khwahish bss itni hai ye poem ki dosti ese hi brkrar rhe .... nice poem.... k
ReplyDeleteZaroor :))
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