तेरे होके भी तेरे न हुए |Sad Hindi Poetry On Love | Missing | Memories | Love Quotes
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| तेरे होके भी तेरे न हुए |
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इतने कभी मजबूर न हुए
तेरे होके भी तेरे न हुए
क्या शिकायत करते गैरो से
अपनों से भी वाक़िफ़ न हुए
आइना फिर न देखा कभी
जबसे साथ छूटा अपना
क्या करते श्रृंगार सजन
जब बहने लगा नैनो से कजरा
बिन तेरे सावन भी पतझड़ लगे
कोयल की कूक कानो को चुभे
दिन बीते मानो बरस समान
रातें जैसे सदियाँ लगे
खबर अब सबको होने लगी
इच्छाएं पिंजरे में कैद होने लगी
था बसेरा जिन दरख्तों पे अपना
किस्मत उन्हें अब उजाड़ने लगी।

छन्न से जो टूटे कोई सपना जग सुना सुना लगे है...
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